The smart Trick of पारद शिवलिंग का अभिषेक That Nobody is Discussing
The smart Trick of पारद शिवलिंग का अभिषेक That Nobody is Discussing
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कात्यायनी – क्लीं श्रीं त्रिनेत्रायै नमः।।
उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
पारद शिवलिंग तयार करणे खूप अवघड काम आहे. सर्वात पहिले पारा शुद्ध केला जातो. त्यानंतर विविध औषधी मिसळून द्रवरूप पाऱ्याचे बंधन केले जाते म्हणजे ठोस बनवले जाते.
स्कंदमाता – ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः।।
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जो भी जातक इस शिवलिंग की पूजा करता है उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही उसे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
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इसके पश्चात जिस स्थान पर भी इसे स्थापित करें उस जगह की पहले साफ़ सफाई असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा जरूर कर लें।
जब इसमें चांदी मिला दी जाती है तो यह पारद कहला जाता है। पारा आपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। इस समूचे ब्रह्मांड में पारा ही एक ऐसा तत्व है जो धातु है लेकिन तरल रूप में पाया जाता है।